Difference between Buying a Put Vs Selling a Call Option:
एक नए ट्रेडर को कॉल और पुट या उससे जुड़े शब्द में काफी कंफ्यूज़न रहता है।
जैसे:
कॉल बाइंग
Put बाइंग
कॉल राइटिंग/सेल्लिंग
Put राइटिंग/सेल्लिंग
इत्यादि
चलिये हमेशा की तरह यह शंसय आज के बाद नहीं रहेगा।
देखिए हम बेहतर जानते हैं कि बाजार में दो पार्टिसिपेंट हमेशा एक्टिव रहता है।एक खरीदार जो स्टॉक खरीदता है हर दूसरा सेलर जो स्टॉक बेचता है।
खरीदने वाला हमेशा एक्सपेक्ट करता है कि शेयर का कीमत बढ़ेगा और सेलर हमेशा सोचता है कि शेयर का कीमत गिरेगा ।
अब आ जाते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर:
बढ़ते बाजार के लिए यहां कॉल शब्द का उपयोग किया गया है और गिरते बाजार के लिए पुट शब्द का।
ऑप्शन buyer:
यदि किसी व्यक्ति को बढ़ते बाजार को ट्रेड करना है तो वह कॉल खरीदता है।
वहीं यदि गिरते बाजार को ट्रेड करना है तो वह पुट खरीदेगा।
ऑप्शन राइटर/सेलर:
जाहिर सी बात है कि सेल्लिंग हमेशा खरीदारी के विरुद्ध होता है। अतः इसमें व्यक्ति बढ़ते बाजार को ट्रेड करना चाहता है तो वह पुट सेल करेगा।
पुट सेल क्यों करेगा?
क्योंकि पुट गिरते बाजार का प्रतीक है। अर्थात यदि वह गिरते बाजार को बेच रहा है तो उसका डायरेक्शन बुलीश है।
व्यक्ति गिरते बाजार को ट्रेड करना चाहता है तो वह कॉल सेल करेगा।
कॉल सेल क्यों करेगा?
क्योंकि कॉल बढ़ते बाजार का प्रतीक है। अर्थात यदि वह बढ़ते बाजार को बेच रहा है तो उसका डायरेक्शन गिरावट है।
उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।
धन्यवाद