Undervalued/Overvalued Stocks – Definition, Advantages
मित्र,
प्रश्न उचित है। जब हम बाजार में निवेश के लिए जाते हैं तो दो शब्द हमें अक्सर सुनने को मिलता है।
1)undervalued
2)Overvalued
एक निवेशक के लिए ये दोनों शब्द काफी ज्यादे महत्व रखते हैं। ट्रेडर की दृष्टिकोण से देखें तो इसका इतना ज्यादे कुछ खास महत्व नहीं है।
चलिये प्रश्न के अनुसार आज फिर कुछ नया सीखते हैं। बस पोस्ट थोड़ी लंबी हो जाएगा।
अगर आसान शब्द में कहें तो under-वैल्यूड स्टॉक को हम सस्ते स्टॉक कह सकते हैं और over-वैल्यूड को महंगा स्टॉक।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह तो काफी आसान है बताना की कौन सा स्टॉक under-वैल्यूड है और कौन सा over-वैल्यूड।
रुकिए इतना आसान भी नहीं है। इसी आसान समझने के चक्कर मे तो कई निवेशक बर्बाद हो जाते हैं। आप कहेंगे वो कैसे ?
एक बात बताइये ..एक शेयर का प्राइस 1000 रुपये है और वहीं दूसरे किसी शेयर का प्राइस 50 रुपये है। दोनों में सस्ता शेयर कौन सा है ?
जाहिर सी बात है कि ज्यादेतर नए निवेशक कहेंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात है। जो 50 पर ट्रेड कर रहा है वो सस्ता शेयर है।
यही गलती ज्यादेतर निवेशक बाजार में करते हैं।
यह जरूरी नहीं कि जिस शेयर का प्राइस कम है वो सस्ता है और जिस शेयर का प्राइस ज्यादे है वो महंगा है।
बाजार में ज्यादेतर स्टॉक अपने वास्तविक मूल्य से ऊपर या नीचे ट्रेड कर रहा होता है। अर्थात स्टॉक की वास्तविक कीमत कुछ और होनी चाहिए थी लेकिन किसी कारण से स्टॉक उससे ऊपर या नीचे ट्रेड कर रहा होता है।
मुझे पता है कि आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे संभव है कि कोई शेयर वास्तविक कीमत से अधिक या कम पर ट्रेड करे।
चलिये इसे भी समझ लेते हैं। मान लीजिए XYZ शेयर वर्तमान में 100 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। लेकिन फिर उसी वक्त बाजार में उस शेयर को लेकर कुछ पॉजिटिव खबर आ जाता है कि सरकार उस कंपनी को बड़ी प्रोजेक्ट दे सकती है। जैसे ही यह खबर बाजार में पहुचता है तो लोग इसे पॉजिटिव मानकर उसमें खरीदारी शुरू कर देते हैं। इस खरीदारी की वजह से शेयर का प्राइस 100 से बढ़कर 150 चला जाता है।
लेकिन गौर करने वाली बात है कि अभी सरकार ने सिर्फ प्रोजेक्ट देने की बात कहा है..अभी दिया नहीं है। प्रोजेक्ट देने के बाद यदि प्राइस बढ़ा होता तो यह वास्तविक मूल्य होता लेकिन अभी सिर्फ गवर्नमेंट ने देने का सोचा है। इसलिये शेयर का वास्तविक मूल्य वर्तमान में भी 100 रुपये है। यदि वह 150 पर ट्रेड कर रहा है तो इसका अर्थ है कि शेयर 50 रुपये महंगा ट्रेड कर रहा है।
ऐसे में एक निवेशक को निवेश से पहले खरीदे जाने वाले शेयर का पता लगाना आवश्यक है कि शेयर वर्तमान में वास्तविक मूल्य पर ट्रेड कर रहा है या उससे ऊपर या उससे नीचे।
यदि शेयर वास्तविक मूल्य से ऊपर ट्रेड कर रहा है तो उसे over-वैल्यूड कहेंगे। वहीं दूसरी ओर यदि वास्तविक मूल्य से नीचे ट्रेड कर रहा है तो उसे under-वैल्यूड कहेंगे।
इसके कैलकुलेट करने का कई तरीका है। चलिये उसे किसी अगले पोस्ट में discuss करेंगे। क्योंकि प्रश्न सिर्फ इन दो पॉइंट्स को समझने का था।
उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।
धन्यवाद