Why PCR ratio is important in option trading:
मित्र,
इसे काफी आसान शब्द में समझते हैं। बाजार पूरी तरीके से शार्ट टर्म में टेक्निकल आस्पेक्ट्स को ध्यान में रखकर मूवमेंट दिखाता है।
टेक्निकल आस्पेक्ट्स हमसे कहता है कि यदि बाजार में खरीदार ज्यादे हैं तो मूल्य बढ़ेगा और यदि बिकवाली करने वाले ज्यादे हैं तो मूल्य गिरेगा।
ऑप्शन चैन में उपलब्ध ओपन इंटरेस्ट का डेटा भी हमें बाजार में टोटल उपलब्ध पोजीशन को दिखाता है। हाँ शब्द के अनुसार कुछ चीजें थोड़ा सा कंफ्यूज करने वाला अवश्य है।
ऑप्शन बाजार में दो शब्द काफी पॉपुलर हैं।
1)कॉल
2)पुट
यदि हम ऑप्शन buyer हैं तो कॉल बढ़ते बाजार को इंगित करता है तो वहीं पुट गिरते बाजार को।
लेकिन यदि हम सेलर हैं तो कॉल बेचना अर्थात मैं बाजार को लेकर गिरावट देख रहा हूँ और पुट बेचना अर्थात मैं बाजार में बढ़त देख रहा हूँ।
और ऑप्शन चैन पर उपलब्ध सभी ओपन इंटेरेस्ट डेटा ऑप्शन सेलर का होता है।
अब ऐसे में जब हम पुट और कॉल के टोटल डेटा के अनुसार पुट कॉल रेश्यो निकालते हैं तो इससे यह कुछ हद तक साफ हो जाता है कि वर्तमान में किस साइड का स्ट्रेंथ ज्यादे है। इसलिए एक ऑप्शन ट्रेडर इस डेटा का उपयोग करते हैं।
उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।
धन्यवाद