शेयर बाजार में तेज गिरावट के बाद क्या तेज रिकवरी भी आती है ?

Sharp recovery after fall?

मित्र,

चलिए हमेशा की तरह आज कुछ नया सीखते हैं। मैं अक्सर अपने स्टूडेंट को बाजार में बॉल के मनोविज्ञान को जरूर बताता हूँ।

बॉल वाला मनोविज्ञान बाजार में काफी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से काम करता है। अब आप सोच रहे हैं कि ये बॉल वाला सिद्धांत क्या है।

चलिए इसे समझते हैं।

हम सबने एक चीज तो जरूर नोटिस किया होगा कि बॉल को जितनी तेजी से पटका जाय.. वह उतनी ही तेजी से बाउंस भी करता है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि बॉल एक मजबूत सतह/दीवार पर पटका गया हो। जैसे आप दिए छवि में देख सकते हैं।

सही है ?

वहीं यदि सतह कमजोर है तो शायद बॉल बाउंस करने की जगह वहीं पर रुक जाएगा। जैसे आप दिए छवि में देख सकते हैं।

लेकिन यहां गौर करने वाली बात है कि बॉल को रिवर्स करने के लिए सतह/दीवार से टकराना जरूरी है। यदि हम ऐसा सोचे कि हमने पूरी ताकत से बॉल को फेंका है और यह बिना किसी सतह/दीवार से टकराये रिवर्स हो जाये तो यह पूर्णतया गलत है।

ऐसे ही बाजार में तेज गिरावट के बाद तेज रिकवरी तभी संभव है जब हमारा सपोर्ट लेवल काफी मजबूत हो। अगर सपोर्ट लेवल मजबूत नहीं है तो स्टॉक उस गिरावट के दौर में सपोर्ट के नीचे जाएगा और ऐसे में पैनिक सेल्लिंग की वजह से यह और नीचे चला जायेगा।

हाँ ..यह सही है कि तेज गिरावट के वक्त में हमें खरीदारी के अवसर तलाशना चाहिए लेकिन कभी भी तेज गिरावट के वक्त या तेज बढ़त के वक्त हमें ट्रेड में एंटर नहीं करना चाहिए।

हमें निचले सपोर्ट का इन्तेजार करना चाहिए और उस सपोर्ट लेवल पर पहुचने के बाद स्टॉक प्राइस में क्या बदलाव आया है..यह गौर करते हुए आगे का निर्णय लेना चाहिए।

उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।

धन्यवाद 

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